Inspiring Quotes from Ramayana in Hindi: रामायण, भारतीय संस्कृति और साहित्य का एक अद्वितीय ग्रंथ है, जिसमें जीवन के हर पहलू को छूने वाले अनमोल विचार और शिक्षाएं निहित हैं। हमारे ब्लॉग “रामायण के 102 अनमोल विचार – Ramayana Quotes In Hindi” में, हम आपको इस पवित्र महाकाव्य के सबसे प्रेरणादायक और मूल्यवान उद्धरणों से रूबरू कराएंगे। ये विचार न केवल आपको जीवन में सही मार्गदर्शन प्रदान करेंगे, बल्कि आपके अंदर सकारात्मकता और स्फूर्ति का संचार भी करेंगे।
इस ब्लॉग में, आप पाएंगे:
- धर्म और कर्तव्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाले उद्धरण
- सद्गुणों और नैतिक मूल्यों की महत्ता को दर्शाने वाले विचार
- जीवन के संघर्षों से उबरने की प्रेरणा देने वाले संदेश
- सफलता और आत्म-सम्मान को बढ़ाने वाले अमूल्य वचन
हर उद्धरण के साथ, हम उसका संदर्भ और उस पर एक संक्षिप्त व्याख्या भी प्रदान करेंगे, जिससे आप इन विचारों की गहराई को समझ सकें और उन्हें अपने जीवन में लागू कर सकें। चाहे आप छात्र हों, पेशेवर हों, गृहिणी हों, या एक वरिष्ठ नागरिक, ये अनमोल विचार आपके जीवन को नया दृष्टिकोण और दिशा देने में सहायक सिद्ध होंगे।
आइए, रामायण के इस खजाने में गोता लगाएँ और अपने जीवन को महान विचारों की रोशनी से आलोकित करें। इस सफर में हमारे साथ जुड़ें और जानें कि कैसे इन प्रेरणादायक उद्धरणों ने युगों-युगों से लोगों के जीवन को प्रभावित किया है और आज भी उनका महत्व अटूट है।
Inspiring Quotes from Ramayana in Hindi l Motivational Ramayana Quotes in Hindi
1. हमेशा प्रसन्न रहना कुछ ऐसा है जिसे प्राप्त करना कठिन है। कहने का अर्थ है, प्रसन्नता और दुःख किसी के जीवन में आते-जाते रहते हैं और ऐसा नही हो सकता ही कि लगातार सिर्फ प्रसन्नता ही बनी रहे।
2. केवल डरपोक और कमजोर ही चीजों को भाग्य पर छोड़ते हैं लेकिन जो मजबूत और खुद पर भरोसा करने वाले होते हैं वे कभी भी नियति या भाग्य पर निर्भर नही करते।
3. दुःख व्यक्ति का साहस खत्म कर देता है। वह व्यक्ति की सीख खत्म कर देता है। हर किसी का सबकुछ नष्ट कर देता है। दुःख से बड़ा कोई शत्रु नहीं है।
4. बच्चों के लिए उस कर्ज को चुकाना मुश्किल है जो उनके माता-पिता ने उन्हें बड़ा करने के लिए किया है।
5. किसी भी नेक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक हैं : उदास व दुखी न होना , अपने कर्तव्य पालन की क्षमता, अथवा कठिनाइयों का बल पूर्वक सामना करने की क्षमता।
6. यदि जीवित रहेंगे तो सुख और आनंद की प्राप्ति कभी न कभी अवश्य होगी।
7. सर्वनाश के प्रमुख 3 कारण इस प्रकार हैं : दूसरों के धन की चोरी, दूसरे की पत्नी पर बुरी नजर और अपने ही मित्रों के चरित्र व अखंडता पर शक।
8. उदास न होना, कुंठित न होना अथवा मन को टूटने न देना ही सुख और समृद्धि का आधार है।
9. क्रोध हमारा शत्रु है, और हमारे जीवन का अंत करने में समर्थ है, क्रोध हमारा ऐसा शत्रु है जिसका चेहरा हमारे मित्र जैसा लगता हैं। क्रोध एक तलवार की तेज धार की भांति है। क्रोध हमारा सबकुछ नष्ट कर सकता है।
10. किसी भी व्यक्ति की वास्तविक स्थिति का ज्ञान उसके आचरण से होता हैं।
रामायण के 102 अनमोल विचार l Priceless Ramayana Quotes in Hindi
11. जो किसी से धन व सामग्री की सहायता लेने के पश्चात अपने दिए हुए वचन का पालन नहीं करता, तो वह संसार में सबसे अधिक बुरा माना जाता हैं।
12. वीर व बलवान पुरुष क्रोधित नहीं होते।
13. धन, सुख, सम्पति व समृद्धि सभी धर्म के मार्ग में ही प्राप्त होते हैं।
14. अत्यधिक लंबे समय की दूरी या ओझलपन से प्रेम व स्नेह में कमी आ जाती है।
15. चरित्रहीन व्यक्ति की मित्रता उस पानी की बूंद की भांति होती है जो कमल फूल की पत्ती पर होते हुए भी उस पे चिपक नहीं सकता।
16. सभी का चेहरा उनकी अंदरूनी विचारधाराओं व भावनाओं का दर्पण होता हैं। इन विचारधाराओं व भावनाओं को छुपाना लगभग असम्भव होता हैं और देखने वाला उन्हें भाँप सकता हैं।
17. पिता, गुरु व ज्येष्ठ भ्राता, जो धर्म पालन का ज्ञान देते हैं, वे सभी पिता सामान होते हैं।
18. जो व्यक्ति निरंतर शोक करते रहते हैं, उन्हें जीवन में कभी सुख नहीं मिलता।
19. मैं रिश्तेदारों के आचरण से भली-भाँति परिचित हूँ। वे अपने रिश्तेदारों की मुसीबत में आनंदित होते हैं।
20. उदासी अत्यंत बुरी चीज होती है। हमें कभी भी अपने मस्तिष्क का नियंत्रण उदासी के हाथ में नहीं देना चाहिये। उदासी एक व्यक्ति को उसी प्रकार मार डालती है, जैसे कि एक क्रोधित साँप किसी बच्चे को।
रामायण के 102 अनमोल विचार-Ramayana Quotes In Hindi
21. अपने जीवन का अंत कर देने में कोई अच्छाई नहीं होती, सुख और आनंद का रास्ता जीवन से ही निकलता है।
22. दया, सदभावना व मानवीयता महा पुण्यकारी गुण हैं।
23. दुष्टों व राक्षसों से समझौते की बात या नम्र शब्दों से कोई लाभ नहीं हो सकता। इसी प्रकार किसी धनवान व्यक्ति को कोई छोटा मोटा उपहार दे कर उसे शांत नहीं किया जा सकता।
24. बड़े कहते हैं कि विद्वानों व बुद्धिमानों से परामर्श ही विजय का आधार होता हैं।
25. उत्साह हीन, निर्बल व दुःख में डूबा हुआ व्यक्ति कोई अच्छा कार्य नहीं कर सकता। अतः वह धीरे धीरे दुःख की गहराइयों में डूब जाता हैं।
26. बिन पानी के बादलों के गरजने से बरसात नहीं होती। सच्चे वीर और पहलवान फालतू में नहीं दहाड़ते, वे युद्ध में अपना शौर्य दिखाते हैं।
27. जो अपनों को त्याग कर दुश्मनों के शिविर में चला जाता हैं, उसी के पुराने शिविर के अपने ही साथी दुश्मन को मारने के पश्चात उसे भी मार डालते हैं।
28. सत्यवादी व्यक्ति कभी झूठे वचन नहीं देते। दिए हुए वचन का पालन करना ही उनकी महानता का चिंह होता है।
29. पतिव्रता स्त्री के आँसू धरती पर बेकार नहीं गिरते, वे उनका विनाश करते हैं जिनके कारणवश वे आँखों से बहार निकलें।
30. धर्म किसी देश के सभी लोगों को एक जुट रखने में समर्थ होता हैं।
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31. जिनके पास धर्म का ज्ञान हैं, वे सभी कहते हैं कि सत्य ही परम धर्म हैं।
32. अभिमानी व्यक्ति, चाहे वह आपका गुरु, पिता व उम्र अथवा ज्ञान में बड़ा भी हो, उसे सही दिशा दिखाना अति आवश्यक होता हैं।
33. दुःख ऐसी वस्तु हैं जो ज्ञान और बल दोनों का विनाशक होता है। दुःख से बड़ा कोई शत्रु नहीं होता।
34. झूठे व्यक्ति से लोग उसी प्रकार डरते हैं जैसे जहरीले साँप से।
35. धर्म सत्य में ही समाया हुआ हैं और ये संसार सत्य द्वारा ही चल रहा है।
36. चाहे चंद्रमा की सुंदरता चली जाए, हिमालय हिम रहित हो जाये, और सागर जल रहित हो जाए, तो भी मैं अपने पिता को दिया हुआ वचन नहीं तोडूंगा।
37. उत्साह में अपार शक्ति होती हैं। उत्साहित व्यक्ति के लिए कुछ भी असम्भव नहीं होता।
38. जान बुझ के मौत के मुंह में जाने वाले को कोई भी अच्छी राय न तो सुनाई देती हैं और न ही भाती है।
39. दुःख हो या सुख, मित्र ही मित्र के काम आता है।
40. मानव गलती कर सकता हैं। ऐसा कोई भी प्राणी नहीं जिसने कभी कोई गलती न की हो।
Ramayana’s Inspirational Words in Hindi l Hindi Inspirational Quotes from the Ramayana
41. जो क्रोधित है वह इसमें अंतर नहीं कर सकता कि क्या बोला जा सकता है औ क्या बोलने के अयोग्य है। ऐसा कोई अपराध नहीं है जो क्रोधित व्यक्ति नहीं कर सकता। ऐसा कुछ भी नहीं है जो वो नहीं बोल सकता।
42. दूसरों की संपत्ति को चोरी करना, किसी अन्य की पत्नी की लालसा करना और मित्रों की ईमानदारी और चरित्र पर शक करना-ये तीनों व्यक्ति को विनाश तक ले जाते हैं।
43. बोलने से पहले शब्द मनुष्य के वश में होते हैं, परन्तु बोलने के बाद मनुष्य शब्दों के वश में हो जाता है।
44. बोले गए शब्द ही ऐसी चीज हैं, जिसकी वजह से इंसान, या तो दिल में उतर जाता है या फिर दिल से उतर जाता है।
45. अपनी बातों को हमेशा ध्यानपूर्वक कहे, क्योंकि हम तो कहकर भूल जाते हैं, लेकिन लोग उसे याद रखते हैं।
46. नदी में गिरने से कभी भी किसी की मौत नहीं होती है। मौत तो तब होती है जब उसे तैरना नहीं आता है।
47. परिस्थितियाँ हमारे लिए समस्या नहीं बनती हैं समस्या तो तब बनती है जब हमें परिस्थितियों से निपटना नहीं आता।
48. जो व्यक्ति हमेशा रोना रोते हैं, उन्हें जीवन में कभी सुख नहीं मिलता।
49. अपने जीवन का अंत कर देने में कोई अच्छाई नहीं होती, सुख और आनंद का रास्ता जीवन से ही निकलता है।
50. जो पाप तुम कर रहे हो, उसका बंटबारा नहीं होगा।
51. संत दूसरों को दुःख से बचाने के लिए कष्ट सहते हैं। दुष्ट लोग दूसरों को दुःख में डालने के लिए हैं।
52. जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढकर है।
53. मित्रता या शत्रुता बराबर वालों से करनी चाहिए।
54. परवश को धिक्कार है।
55. दुखी लोग कौन-सा पाप नहीं करते।
56. ऐसा विचार करके दुखी न हों कि विधाता का लिखा हुआ नहीं मिट सकता।
57. राजा को सदैव प्रजा का ध्यान रखना चाहिए।
58. आपसी फूट मनुष्य को नष्ट कर देती है।
59. सहयोग और समन्वय की सदैव जीत होती है।
60. राजा को आदर्श व सच्चरित होना चाहिए क्योंकि वह प्रजापालक कहलाता है।
61. संतोष नंदन वन है तथा शांति कामधेनु है। इस पर विचार करो और शांति के लिए श्रम करो।
62. ऐसे व्यक्ति विरले हैं, जो विपत्ति का सामना करते समय हताश नहीं होते या भ्रम से आछन्न नहीं होते।
63. महत्वाकांक्षा से युक्त मन सदैव रिक्त रहता है।
64. ऐसा कोई व्यक्ति अब तक नहीं जमा, जो वृद्धावस्था को जीत सका हो।
65. जो यौवन विनय से विभूषित तथा कृपालुता जैसे गुणों से प्रोज्जवल है, वही यौवन सुंदर है।
66. अच्छे लोगों की संगति में बुरे से बुरा मनुष्य भी सही आचरण करने लगता है।
67. बलवान पुरुष क्रोधित नहीं होते।
68. अतिसंघर्ष से चंदन में भी आग प्रकट हो जाती है, उसी प्रकार बहुत अवज्ञा किए जाने पर ज्ञानी के भी हृदय में भी क्रोध उपज जाता है।
69. नीच की नम्रता अत्यंत दुखदायी है, अंकुश, धनुष, सांप और बिल्ली झुककर वार करते हैं।
70. संसार में ऐसे लोग थोड़े ही होते हैं, जो कठोर किंतु हित की बात कहने वाले होते है।
71. इस दुनिया में दुर्लभ कुछ भी नहीं है, अगर उत्साह का साथ न छोड़ा जाए।
72. माया के दो भेद हैं- अविद्या और विद्या।
73. असत्य के समान पातक पुंज नहीं है। समस्त सत्य कर्मों का आधार सत्य ही है।
74. माता-पिता की सेवा और उनकी आज्ञा का पालन जैसा दूसरा धर्म कोई भी नहीं है।
75. प्रियजनों से भी मोहवश अत्यधिक प्रेम करने से यश चला जाता है।
76. दुख और विपदा जीवन के दो ऐसे मेहमान हैं, जो बिना निमंत्रण के ही आते हैं।
77. दुख और विपदा जीवन के दो ऐसे मेहमान हैं, जो बिना निमंत्रण के ही आते हैं।
78. किसी भी काम को अपने सौ प्रतिशत सामर्थ्य के साथ करो क्योंकि हम जो आज करते हैं उसी का फल हमें बाद में मिलता है।
79. एक रचनात्मक व्यक्ति सफलता की व्याप्ति से प्रेरित होता है न कि किसी दुसरे की हार से।
80. जहाँ हो वहीं से शुरुआत करो, जो तुम्हारे पास है उसी का उपयोग करो और जो तुम कर सकते हो वही करो।
81. समस्या अंत की तरफ इशारा नहीं करती बल्कि रास्ता दिखाती है।
82. क्या तुम जानना चाहते हो कि तुम क्या हो? तो किसी से पुचो मत बस कर्म करो तुम्हारा कर्म ही तुम्हें चित्रित एवं परिभाषित करेगा।
83. लक्ष्य प्राप्त करने के बाद आपको क्या मिलता है यह इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना लक्ष्य की प्राप्ति के बाद आप क्या बनते हो वह महत्वपूर्ण है।
84. अपनी आँखों को हमेशा आसमान की तरफ रखो और अपने पैरो को हमेशा जमीन पर।
85. नए सपने देखने अथवा नए लक्ष्य बनाने की कोई उम्र नहीं होती।
86. इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने धीरे चलते हो जब तक कि आप रुक नहीं जाते।
87. कभी भी अपने रहस्यों को किसी और को न बताएं, आपकी यह आदत आपको बर्बाद कर सकती है।
88. अपने घर को छोड़ कर और किसी के घर में रहना किसी भी पीड़ा से ज्यादा कष्टदायी है।
89. जब भी कोई भय आपके नजदीक आए तब आपको उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर देना चाहिए।
90. भगवान मूर्तियों में नहीं है, आपकी अनुभूति ही आपका ईश्वर और आपकी आत्मा ही मंदिर है।
91. हर किसी मित्रता के पीछे कोई-न-कोई स्वार्थ छिपा होता है, यह एक बहुत बड़ा सत्य है और यह सत्य हकीकत भी है।
92. अगर कोई व्यक्ति कमजोर है तो उसे हमेशा वह ताकतवर है ऐसा ही प्रदर्शित करना चाहिए।
93. किसी भी व्यक्ति को जरुरत से ज्यादा प्रमाणिक नहीं होना चाहिए क्योंकि जो प्रमाणिक व्यक्ति होता है वही लाइफ में ज्यादा कष्ट उठाता है।
94. दोस्तों की परीक्षा संकट में होती है और जीवनसाथी की परीक्षा जब हमारा सभी धन नष्ट होता है तब होती है।
95. अगर किसी व्यक्ति से भूतकाल में कोई भूल हो तो उसे अपने वर्तमान को सुधारकर अपने भविष्य को अच्छा बनाना चाहिए।
96. जो आपके सामने आपके कार्यों की प्रशंसा करे और आपकी पीठ के पीछे आपका काम बिगड़ दे ऐसे लोग सांप के समान है, उनसे दूर रहने में ही भलाई है।
97. जो आपका कुमित्र है उन पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए, और जो मित्र है उन पर भी अँधा विश्वास नहीं करना चाहिए।
98. जो कार्य करने का निश्चय किया हो उसको खानगी रखे, वह शुरू हो और खत्म न हो तब तक उसके बारे में किसी को न बताएं ।
99. जो व्यक्ति जो कार्य निश्चित है उसे छोड़कर, जो कार्य अनिश्चित है उसके पीछे भागे तो वह व्यक्ति उसके हाथ में आया कार्य भी खो देता है।
100. जो व्यक्ति किसी से भेदभाव नहीं करता और सबके साथ अच्छा व्यवहार करता है वह आदमी जीवन में खूब प्रगति करता है, ऐसे आदमी की हर इच्छा पूरी होती है।
101. जो व्यक्ति हमेशा अच्छा, मीठा बोलता हो, हर समय अपनी भाषा का ध्यान रखता हो, और किसी भी परिस्थिति में बुरे शब्दों का उपयोग नहीं करता वह व्यक्ति जीवन में हमेशा प्रगति करता है।
102. हर मनुष्य में दया और प्रेम होना चाहिए, हर किसी के मन में अपने से छोटे के प्रति दया और अपने से बड़ों के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए।